शनिवार, 24 अप्रैल 2021

पालक आलू रेसिपी(रेस्टोरेंट जैसा)

पालक आलू बनाने में लगने वाली सामग्री :
1. पालक : 1/2 kg
2. आलू : 6 उबले हुए
3.प्याज : 2 मीडियम साइज़ के(बारीक पीस लें)
4.टमाटर : 4मीडियम साइज़ के(बारीक पीस लें)
5. अदरक : 1 इंच का टुकड़ा(बारीक पीस लें)
6.लहसुन : 5 से 6 कलियां(बारीक पीस लें)
7. धनियां पाउडर : 2 टेबल स्पून
8. हल्दी पाउडर : 1टेबल स्पून
9. जीरा पाउडर : 2टेबल स्पून
10. काली मिर्च पाउडर : 1टेबल स्पून
11. लाल मिर्च पाउडर  : 2 टेबल स्पून
12. कसूरी मेथी : 2टेबल स्पून
13. मलाई : 4 टेबल स्पून
15. गरम मसाला : 1टेबल स्पून
16. सरसो तेल : 5 टेबल स्पून
17. नमक स्वादानुसार
पालक आलू बनाने की विधी :
*सबसे पहले पालक को बारीक काट कर अच्छे से धो लें।
*अब प्रेशर कुकर में पालक को डालकर उसमें थोड़ा नमक डालकर उसे तीन चार सीटी लगा कर उबाल लें।
*अब पालक को थोड़ा ठंडा होने दें और फिर मिक्सी में डालकर एक मिनट चलाकर पीस लें ।
*उबले हुए आलू को छीलकर चार चार टुकड़ों में काट लें।
*एक पैन गरम करें और उसमें दो टेबल स्पून तेल डालकर गरम करें और फिर आलू डालकर उसमें हल्का नमक डाल कर उसे भून लें।
*अब गैस पर एक पैन गरम करें और उसमें तेल डालकर अच्छी तरह गरम कर लें।
*जैसे ही तेल गरम हो जाए उसमें अदरक और लहसुन का पेस्ट डाल दें।
*अदरक लहसुन को दो मिनट भून लें और फिर उसमें प्याज़ का पेस्ट डाल कर उसे अच्छी तरह से सुनहरा होने तक भूनें।
*अब जैसे ही प्याज़ सुनहरा होने लगे तो उसमें टमाटर का पेस्ट डाल कर उसे भी तीन चार मिनट भून लें।
* टमाटर को तीन चार मिनट भूनने के बाद अब उसमें धनियां पाउडर, जीरा पाउडर, काली मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर, लाल मिर्च पाउडर और कसूरी मेथी डालकर सभी मसाले को अच्छे से लगभग पांच से छह मिनट तक भून लें।
*अब मलाई डालकर उसे भी मसाले के साथ दो तीन मिनट तक पकाएं।
*अब पालक का पेस्ट डालकर मसाले के साथ लगभग पांच मिनट और भूनें और फिर उसमें चार ग्लास पानी डालकर और स्वादानुसार नमक डाल कर उसमें एक उबाल आने दें।
*जैसे ही ग्रेवी उबलने लगे तो उसमें भूने हुए आलू डाल दें और फिर सभी को लगभग पांच मिनट और पका लें और फिर गरम मसाला डालकर गैस को बंद कर दें।
*इसे चावल, रोटी या पराठा किसी के साथ सर्व करें।


Ingredients to make Spinach Potatoes:

 1. Spinach: 1/2 kg

 2. Potatoes: 6 boiled

 3. Onion: 2 medium size (finely grinded)

 4. Tomato: 4 medium size (finely grinded)

 5. Ginger: 1 inch piece (grind finely)

 6. Garlic: 5 to 6 buds (finely grinded)

 7. Coriander Powder: 2 tbsp

 8. Turmeric Powder: 1 tbsp

 9. Cumin powder: 2 tbsp

 10. Black Pepper Powder: 1 tbsp

 11. Red chilli powder: 2 tbsp

 12. Kasuri Methi: 2 tbsp

 13. Cream: 4 tablespoons

 15. Garam Masala: 1 tbsp

 16. Mustard oil: 5 tbsp

 17. Salt as per taste

 Method of making spinach potato:

 First of all, finely chop the spinach and wash it well.

 * Now put the spinach in the pressure cooker and add some salt to it and boil it with three to four whistles.

 * Now let the spinach cool slightly and then put it in the grinder and grind it for a minute.

 * Peel boiled potatoes and cut them into four pieces.

 * Heat a pan and heat two tablespoons of oil in it and then add potatoes and fry it by adding light salt.

 * Now heat a pan on the gas and heat it well by adding oil to it.

 * As soon as the oil gets hot, add ginger and garlic paste to it.

 * Fry ginger garlic for two minutes and then add onion paste to it and fry it well until golden.

 * As soon as the onions turn golden, add tomato paste to it and fry it for 3-4 minutes.

 * After roasting the tomatoes for three to four minutes, now add coriander powder, cumin powder, black pepper powder, turmeric powder, red chili powder and fenugreek fenugreek and fry all the spices for about five to six minutes.

 Now add cream and cook it with spices for two to three minutes.

 Now add spinach paste and fry with spices for about five minutes and then add four glasses of water and salt to taste and let it come to a boil.

 * As soon as the gravy starts boiling, add roasted potatoes in it and then cook all for about five minutes and then add garam masala and turn off the gas.

 * Serve it with rice, roti or paratha.

शनिवार, 17 अप्रैल 2021

श्री दुर्गा कीलक स्तोत्र

           अथ कीलकम् 
ॐ अस्य श्री कीलकमंत्रस्य शिव ऋषिः, अनुष्टुप छन्दः, श्रीमहासरस्वती देवता, श्रीजगदम्बाप्रत्यार्थं सप्तशती  पाठांगत्वेन जपे विनियोग:।
ॐ नमश्चण्डिकायै।।
            मारकण्डेय उवाच
 ॐ विशुद्धज्ञानदेहाय त्रिवेदीदिव्यचक्षुषे।
श्रेय: प्राप्तिनिमित्ताय नमः सोमार्धधारिणे।।1।।
सर्वमेतद्विजानीयानमंत्राणामभिकीलकम‌्।
सोपि क्षेममवाप्नोति सततं जाप्यतत्पर:।।2।।
सिद्धयन्त्युच्चाटनादीनि वस्तूनि सकलान्यपि।
एतेन स्तुवतां देवी स्तोत्रमात्रेण सिद्धयति।।3।।
न मन्त्रो नौषधं तत्र न किन्चिदपि विद्यते।
विना जाप्येन सिद्धयेत सर्वमुच्चाटनादिकम‌्।।4।।
समग्राण्यपि सिद्धयन्ति लोकशंकामिमां हर:।
कृत्वा निमन्त्रयामास सर्वमेवमिदं शुभम्।।5।।
स्तोत्रं वै चण्डिकायास्तु तच्च गुप्तं चकार स:।
समाप्तिर्न च पुण्यस्य तां यथावन्नियन्त्रनाम्।।6।।
सोपि क्षेममवाप्नोति सर्वमेवं न संशय:।
कृष्णायां वा चतुर्दश्यामष्टम्यां वा समाहित:।।7।।
ददाति प्रतिगृह्णाति नान्यथैषा प्रसीदति।
इत्थंरूपेण कीलेन महादेवेन कीलितम्।।8।।
यो निष्कीलां विधायैनां नित्यं जपति संस्फुटम्।
स सिद्ध: स गण: सोपि गंधर्वो जायते नर:।।9।।
न चैवाप्यटस्तस्य भयं क्वापीह जायते‌।
नापमृत्युवशं याति मृतो मोक्षमवाप्नुयात्।।10।।
ज्ञात्वा प्रारभ्य कुर्वीत न कुर्वाणो विनश्यति।
ततो ज्ञात्वैव सम्पन्नमिदं प्रारभ्यते बुधै:।।11।।
सौभाग्यादि च यत्किञ्चिद् दृश्यते ललनाजने।
तत्सर्वं तत्प्रसादेन तेन जाप्यमिदं शुभम्।।12।।
शनैस्तु जप्यमानेस्मिन् स्तोत्रे सम्पत्तिरुच्चकै:।
भवत्येव समग्रापि तत: प्रारभ्यमेव तत्।।13।।
ऐश्वयऀ यत्प्रसादेन सौभाग्यारोग्यसंपद:।
शत्रुहानि: परो मोक्ष: स्तूयते सा न किं जनै:।।14।।
          अथ कीलक स्तोत्रम संपूर्णम 
          जय माता रानी🙏🙏🌺🌺❤️❤️













मंगलवार, 13 अप्रैल 2021

दुर्गा स्तोत्रम और क्षमा प्रार्थना

जय भगवति देवि नमो वरदे, जय पाप विनाशिनी बहु फल दे।
जय शुंभ निशुंभ कपालधरे , प्रणमामी तु देवि नरारती हरे।।1।।
जय चंद्र दिवाकरनेत्रधरे , जय पावकभूषितवक्त्रवरे।
जय भैरवदेहनिलीनपरे, जय आंधकदैत्यविशोषकरे।।2।।
जय महिष विमर्दिनी शूलकरे, जय लोकसमस्तकपापहरे।
जय देवि पितामहविष्णुनते, जय भास्करशक्रशिरोवनते।।3।।
जय षणमुखसायुधईशनूते, जय सगरगामिनी शम्भुनुते।
जय दुखदरिद्रविनाशकरे, जय पुत्रकलत्रविवृद्धिकरे।।4।।
जय देवि समस्तशरीरधरे, जय नाकविदर्शिनी  दुखहरे।
जय व्याधिविनाशिनी मोक्ष करे, जय वांक्षितदायिनी सिद्धिवरे।।5।।
  एतदव्यासकृतं स्तोत्रं यः पठेन्नियतः शुचिः।
   गृहे वा शुद्धभावेन प्रीता भगवती सदा।।6।।





                      क्षमा प्रार्थना
अपराधसहस्त्राणि क्रियंते हर्निशं मया।
दसोयामिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वरी।।1।।
आवाहनम न जानामि न जानामि विसर्जनम।
पूजां चैव न जानामि क्षम्यताम परमेश्वरी।।2।।
मंत्रहीनं क्रियाहीनं भक्तीहीनं सुरेश्वरी।
यत्पुजीतं मया देवि परिपूर्णं तदस्तु मे।।3।।
अपराधशतं कृत्वा जगदम्बेति चोच्चरेत।
यां गतीं समवापनोति न तां ब्रह्मादयः सुरा:।।4।।
सापराधोस्मी शरणं प्राप्तस्तवान जगदम्बिके।
इदानीमनुकंप्योहं यथेच्छसि तथा कुरु।।5।।
अज्ञानाद्विस्मृतेर भ्रान्त्या यन्नयुनमधिकं कृतम।
तत्सर्वं क्षम्यताम देवि प्रसीद परमेश्वरी।।6।।
कामेश्वरी जगनमातः सच्चिदानंद विग्रहे।
गृहाणार्चामीमां प्रीत्या प्रसीद परमेश्वरी।।7।।
गुह्यातिगुह्यगोप्त्री त्वं गृहाणास्मत्कृतं जपम ।
सिध्धिर्भवतु मे देवि त्वत्प्रसादात्सुरेश्वरि।।8।।
     
जय माता दी 🙏🙏🌺🌺❤️❤️





शनिवार, 10 अप्रैल 2021

थायरॉयड और शुगर के कुछ घरेलू और आयुर्वेदिक उपचार

*थायरॉयड हमारे गले में मौजूद एक ग्रंथी है। जब हम थायरॉयड का टेस्ट करवाते हैं और t3 ya t4 लेवल उपर नीचे आता है तो इसका मतलब हमें थायरॉयड है।
*इसे हम इस तरह से समझ सकते हैं। अगर हम थायरॉयड का टेस्ट करवाते हैं तो उसमें यदि हमारा TSH 0.35 से 5.5 तक आता है तो हमें थायरॉयड नहीं है और अगर TSH 5.5 से उपर आता है तो इसका मतलब हमें थायरॉयड है।

शनिवार, 3 अप्रैल 2021

बारह ज्योतिर्लिंगों के नाम

शिवलिंग का प्राकट्य कैसे हुआ ये जानने के लिए यहां क्लिक करें
* कहते हैं कि इन बारह ज्योतिर्लिंगों के दर्शन मात्र से ही मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। यदि कोई व्यक्तिअगर मन से इनमें से केवल एक ज्योतिर्लिंग के दर्शन भी कर ले तो भी उसे उतना ही फल मिलता है जितना कि बारह ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने से।
* आईए जानते हैं कि वो बारह ज्योतिर्लिंग कौन कौन से हैं और कहां कहां पर स्थापित हैं।
1* सोमनाथ ज्योतिर्लिंग  : सोमनाथ ज्योतिर्लिंग गुजरात के काठियावाड़ क्षेत्र में समुद्र के किनारे स्थित है।
2* मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग : यह ज्योतिर्लिंग आंध्र प्रदेश के करनूल जिले में कृष्णा नदी के तट पर स्थित है।
3* महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग : यह मध्य प्रदेश के उज्जैन में क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित महाकालेश्वर दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है।
4*ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग : ओंकारेश्वर मंदिर मध्य प्रदेश में नर्मदा के तट पर मान्धाता पर्वत पर स्थित है।
5* केदारनाथ ज्योतिर्लिंग : केदारनाथ ज्योतिर्लिंग उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में अलकनंदा और मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित है।
6* भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग : भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के पुणे जिले में सहयाद्रि नामक पर्वत पर स्थित है। इस ज्योतिर्लिंग को मोटेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है।
7* विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग : काशी विश्वनाथ मंदिर गंगा नदी के तट पर स्थित है। यह मंदिर उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में स्थित है।
8* त्रयंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग : त्रयंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित है।
9* नागेश्वर ज्योतिर्लिंग : नागेश्वर ज्योतिर्लिंग गुजरात में द्वारकापुरी से 17 मील दूर स्थित है।
10* वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग : बाबा वैद्यनाथ मंदिर झारखंड के देवघर जिले में स्थित है।
11* रामेश्वर ज्योतिर्लिंग : रामेश्वर मंदिर तमिलनाडु के रामनाथम नामक स्थान में स्थित है।
12* घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग : घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के दौलताबाद से लगभग अठारह किलोमीटर दूर दूर स्थित है। इस स्थान को शिवालय भी कहा जाता है।

हिंदू धर्म में पुराणों के अनुसार शिव जी जहां जहां स्वयं प्रगट हुए उन बारह स्थानों पर स्थित शिवलिंगों को ज्योतिर्लिंग के रुप में पूजा जाता है।
ऐसा माना जाता है कि इन बारह ज्योतिर्लिंगों के दर्शन मात्र से ही सभी पापों का नाश हो जाता है।
     हर हर महादेव 🙏🙏🌺🌺🌿🌿

* It is said that human beings attain salvation only by the sight of these twelve Jyotirlingas.  Even if a person sees only one of these Jyotirlingas from his heart, he gets the same result as by seeing twelve Jyotirlingas.

 * Let me know who those twelve Jyotirlingas are and where they are established.

 1 * Somnath Jyotirlinga: Somnath Jyotirlinga is situated on the banks of the sea in the Kathiawar region of Gujarat.

 2 * Mallikarjuna Jyotirlinga: This Jyotirlinga is situated on the banks of Krishna River in Kurnool district of Andhra Pradesh.

 3 * Mahakaleshwar Jyotirlinga: This is Mahakaleshwar Dakshinamukhi Jyotirlinga situated on the banks of river Kshipra in Ujjain, Madhya Pradesh.

 4 * Omkareshwar Jyotirlinga: The Omkareshwar Temple is situated on the Mandhata mountain on the banks of the Narmada in Madhya Pradesh.

 5 * Kedarnath Jyotirlinga: Kedarnath Jyotirlinga is situated on the banks of the Alaknanda and Mandakini rivers in the Kedarnath Dham of Uttarakhand.

 6 * Bhimashankar Jyotirlinga: Bhimashankar Jyotirlinga is located on a mountain named Sahyadri in Pune district of Maharashtra.  This Jyotirlinga is also known as Moteshwar Mahadev.

 7 * Vishwanath Jyotirlinga: Kashi Vishwanath Temple is situated on the banks of river Ganges.  This temple is located in the city of Varanasi, Uttar Pradesh.

 8 * Trimbakeshwar Jyotirlinga: Trimbakeshwar Jyotirlinga is located in Nashik district of Maharashtra.

 9 * Nageshwar Jyotirlinga: Nageshwar Jyotirlinga is located 17 miles away from Dwarkapuri in Gujarat.

 10 * Vaidyanath Jyotirlinga: Baba Vaidyanath Temple is located in Deoghar district of Jharkhand.

 11 * Rameshwar Jyotirlinga: Rameshwar Temple is located in a place called Ramanatham in Tamil Nadu.

 12 * Ghrishneshwar Jyotirlinga: Ghrishneshwar Jyotirlinga is located about eighteen kilometers away from Daulatabad in Maharashtra.  This place is also called Pagoda.


 According to the Puranas in Hinduism, Shiva lingas are worshiped as Jyotirlinga situated at the twelve places where they themselves appeared.

 It is believed that by the mere sight of these twelve Jyotirlingas, all sins are destroyed.

 Har har mahadev 🙏🙏🌺🌺🌿🌿

, श्रीमद्भगवद्गीता के अध्याय 6 से लिया गया श्लोक संख्या 26

यतो यतो निश्चलति मनश्चचञ्चलमस्थिरम्। ततस्ततो नियम्यैतदात्मन्येव वशं नयेत्।।26।। अनुवाद श्रील प्रभुपाद के द्वारा  : मन अपनी चंचलत...