प्यारे किशन कन्हैया कविता लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
प्यारे किशन कन्हैया कविता लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

रविवार, 28 जून 2020

प्यारे किशन कन्हैया

प्यारे किशन कन्हैया,
प्यारे मुरली बजैया,
यशोदा मां के दिल की धड़कन, 
नन्द बाबा के आंख के तारे,
प्यारे किशन कन्हैया।
तुम सारे संसार रचैया,
तुमसे है ये धरा गगन सब,
प्यारे किशन कन्हैया।
श्रृष्टि के कण कण में तुम हो,
हर प्राणी हर वृक्ष में तुम हो,
प्यारे किशन कन्हैया।
हर युग में धरती पर आकर,
किया पापियों का संहार,
प्यारे किशन कन्हैया।
महाभारत के युद्ध काल में,
तुमने थामा धर्म का हाथ,
प्यारे किशन कन्हैया।
सदा प्रेम के भूखे आप,
आपके बिना कहां संसार,
प्यारे किशन कन्हैया।
भक्तों को गिरने ना देते,
सदा थामते उनका हाथ,
प्यारे किशन कन्हैया।

,श्रीमद्भागवतम् स्कंध 1 के अध्याय 2 से लिया गया श्लोक संख्या 24

पार्थिवाद्यारुणो धूमस्तस्मादग्निस्त्रयीमय:। तमसस्तु रजस्तस्मात्सत्त्वं यद्ब्रम्हदर्शनम्।।24।। अनुवाद श्रील प्रभुपाद के द्वारा : ...