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मंगलवार, 1 जून 2021

शिवपञ्चाक्षरस्तोत्रम् और शिव जी की आरती

* नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय।
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै 'न' काराय नम: शिवाय।।
* मन्दाकिनीसलिलचन्दनचर्चिताय नन्दीश्वरप्रमथनाथमहेश्वराय।
मन्दारपुष्पबहुपुष्पसुपूजिताय तस्मै 'म' काराय नम: शिवाय।।
* शिवाय गौरीवदनाब्जवृन्दसूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय।
श्रीनीलकण्ठाय वृषध्वजाय तस्मै 'शि' काराय नम: शिवाय।।
*वसिष्ठकुम्भोद्भवगौतमार्यमुनीन्द्रदेवार्चितशेखराय।
चन्द्रार्कवैश्वानरलोचनाय तस्मै 'व' काराय नम: शिवाय।।
*यक्षस्वरूपाय जटाधराय पिनाकहस्ताय सनातनाय।
दिव्याय देवाय दिगम्बराय तस्मै 'य' काराय नम: शिवाय।।
             पञ्चाक्षरमिदं पुण्यं य: पठेच्छिवसन्निधौ।
             शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते।।

              ॐ नम: शिवाय🙏🙏🌺🌺🌿🌿
    
                  शिव जी की आरती

ॐ जय शिव ओंकारा,हर शिव ओंकारा।
ब्रम्हा,विष्णु,सदाशिव, अर्धाङ्गी धारा।।ॐ।।
एकानन चतुरानन, पंचानन राजै।
हंसासन गरूड़ासन ,वृषवाहन साजै।।ॐ।।
दो भुज चार चतुर्भुज, दसभुज अति सोहै।
तीनों रूप निरखते, त्रिभुवन जन मोहे।।ॐ।।
अक्षमाला वनमाला, मुण्डमालाधारी।
त्रिपुरारी कंसारी ,कर मालाधारी।।ॐ।।
श्वेताम्बर पीताम्बर, बाघम्बर अंगे।
सनकादिक गरूरादिक, भूतादिक संगे।।ॐ।।
कर मध्ये सुकमण्डलु, चक्र त्रिशुलधारी।
सुखहारी दुखहारी ,जगपालनकारी।।ॐ।।
ब्रम्हा विष्णु सदाशिव, जानत अविवेका।
प्रणवाक्षर में शोभित, ये तीनों एका।।ॐ।।
त्रिगुण स्वामी जी की आरती, जो कोई नर गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी ,मनवाञ्छित फल पावे।।ॐ।।
         ॐ हर हर हर महादेव🙏🙏🌺🌺🌿🌿


, श्रीमद्भगवद्गीता के अध्याय 6 से लिया गया श्लोक संख्या 26

यतो यतो निश्चलति मनश्चचञ्चलमस्थिरम्। ततस्ततो नियम्यैतदात्मन्येव वशं नयेत्।।26।। अनुवाद श्रील प्रभुपाद के द्वारा  : मन अपनी चंचलत...