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शुक्रवार, 18 दिसंबर 2020

बजरंग बाण अर्थ सहित

  दोहा : निश्चय प्रेम प्रतीति ते, विनय करें सनमान।
          तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान।।

अर्थ : जो कोई भी राम भक्त हनुमान जी के सामने दृढ़ संकल्प लेकर पूरे श्रद्धा और विश्वास और प्रेम से उनसे प्रार्थना करता है हनुमान जी उनके सभी कार्यों को सिद्ध करते हैं।

चौपाई : जय हनुमंत संत हित कारी, सुनि लिजै प्रभु अरज हमारी।
जन के काज विलम्ब न किजै, आतुर दौरि महा सुख दीजै।।

अर्थ : हे संतों के कल्याण करने वाले हनुमानजी महाराज आपकी जय हो, हे प्रभु हमारी प्रार्थना सुन लीजिए। हे वीर हनुमान अब भक्तों के कार्यों में देरी न करें और जल्दी से आकर उन्हें सुख प्रदान करें।

, श्रीमद्भगवद्गीता के अध्याय 6 से लिया गया श्लोक संख्या 26

यतो यतो निश्चलति मनश्चचञ्चलमस्थिरम्। ततस्ततो नियम्यैतदात्मन्येव वशं नयेत्।।26।। अनुवाद श्रील प्रभुपाद के द्वारा  : मन अपनी चंचलत...