सदस्यता लें
संदेश (Atom)
, श्रीमद्भगवद्गीता के अध्याय 6 से लिया गया श्लोक संख्या 26
यतो यतो निश्चलति मनश्चचञ्चलमस्थिरम्। ततस्ततो नियम्यैतदात्मन्येव वशं नयेत्।।26।। अनुवाद श्रील प्रभुपाद के द्वारा : मन अपनी चंचलत...
-
दोहा : निश्चय प्रेम प्रतीति ते, विनय करें सनमान। तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान।। अर्थ : जो कोई भी राम भक्त...
-
* बाल समय रवि भक्षी लियो तब तीनहुं लोक भयो अंधियारो, ताहि सो त्रास भयो जग को यह संकट काहु सो जात न टारो। देवन आनि करी बिनती तब छ...
-
भगवति में मां दुर्गा का नाम सर्वप्रथम आता है।माता को आदिशक्ति के रुप में पूजा जाता है। नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ...