शनिवार, 8 मई 2021

हनुमान जी की आरती और हनुमत स्तवन

           श्री हनुमत् -स्तवन
प्रनवऊं पवनकुमार खल बन पावक ग्यानघन।
जासु हृदय आगार बसहिं राम सर चाप धर।।
अतुलित बलधामं हेमशैलाभदेहं,
           दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामगग्रगणयम्।
सकलगुणनिधानं वानरानामधीशं,
                     रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि।।
गोष्पदीकृतवारीशं मशकीकृतराक्षसम् ,
                   रामायण महामालारत्नं वन्देनिलात्मजम् ।।
‌‌अंजनानन्दनं वीरं जानकीशोकनाशम् ,
               कपीशमक्षहन्तारं वन्दे लंकाभयंकरम्।।
उल्लंघ्य सिन्धो: सलिलं सलीलं य: शोकवन्हिं जनकात्मजाया:।
आदाय तेनैव ददाह लंका नमामि तं प्रांञ्जलिराञ्जनेयम्।।
मनोजवं मारुततुल्यवेगं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्।।
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये।।
आञ्जनेयमतिपाटलाननं काञ्चनाद्रिकमनीयविग्रहम्।।
पारिजाततरुमूलवासिनं भावयामि पवनमानन्दनम्।।
यत्र तत्र रघुनाथकीर्तनं तत्र तत्र कृतमस्तकाञ्जलिम्।
वाष्पवारिपरिपूर्णलोचनं मारुतिं नमत राक्षसान्तकम्।।
       श्री हनुमान जी महाराज की जय🙏🙏🌺🌺

          श्री हनुमान जी की आरती
आरती कीजै हनुमान लला की।
        दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।
जाके बल से गिरिवर कांपै।
       रोग - दोष जाके निकट न झांके।।
अंजनि पुत्र महा बलदाई।
       संतन के प्रभु सदा सहाई।।
दे बीरा रघुनाथ पठाए।
        लंका जारि सिया सुधि लाये।।
लंका सो कोट समुद्र सी खाई।
        जात पवन सुत बार न लाई।।
लंका जारि असुर संहारे।
         सिया राम जी के काज संवारे।।
लक्ष्मण मूर्छित पङे सकारे।
         आनि संजीवन प्राण उबारे।।
पैठि पताल तोरी यमकारे।
       अहिरावण के भुजा उखारे।।
बाएं भुजा असुर दल मारे।
      दहिने भुजा संत जन तारे।।
सुर नर मुनि जन आरती उतारे।
         जय जय जय हनुमान जी उचारे।।
कंचन थार कपूर लौ छाई।
       आरती करत अंजना माई।।
जो हनुमान जी की आरती गावै।
        बसि बैकुन्ठ परम पद पावै।।

सिया वर रामचन्द्र जी की जय🙏🙏🌺🌺
पवन सुत हनुमान जी की जय🙏🙏🌺🌺






बुधवार, 5 मई 2021

गणेश जी के 108 नाम अर्थ सहित

* भगवान भोले शंकर ने गणेश जी को आशिर्वाद दिया था की किसी भी पूजा में सर्वप्रथम आपकी पूजा की जाएगी।
* तभी से यह परंपरा चली आ रही है कि चाहे कोई भी पूजा हो उसमें सबसे पहले श्री गणेश जी की पूजा की जाती है।
* कहते हैं भगवान श्री गणेश के 108 नामों के जाप करने से मनुष्य के सारे विघ्न बाधाओं का नाश हो जाता है।
* श्री गणेश जी के 108 नाम अर्थ सहित :
1. धूम्रवर्ण : धुंए को उड़ाने वाले
2. एकाक्षर : एकल अक्षर
3. बुद्धिनाथ : बुद्धि के भगवान
4. भालचंद्र : जिनके मस्तक पर चंद्रमा हो
5.बालगणपति : सबसे प्रिय बालक
6. गजकर्ण : हाथी की तरह कानों वाले
7. एकदंत : एक दांत वाले
8. गजवक्त्र : हाथी की तरह मुंह वाले
9. गजानन: हाथी की तरह मुख वाले भगवान
10. गजवक्र : हाथी की सूंड वाले भगवान
11. गणपति : सभी गणों के मालिक
12. गौरीसुत : माता गौरी के पुत्र
13. गणाध्यक्ष : सभी लोगों के मालिक
14. लंबकर्ण : बड़े कान वाले भगवान
15.महाबल : अत्यधिक बलशाली
16. लंबोदर : बड़ा है उदर जिसका अर्थात् बड़े पेट वाले
17. महागणपति : देवादिदेव
18. मूषक वाहन : जिनकी सवारी मूषक है
19. महेश्वर : सारे ब्रम्हांड के भगवान
20. मंगलमूर्ति  : सभी शुभ कार्यों के देव
21. निदिश्वरम : धन और निधि के दाता
22. शूपकर्ण : बड़े कान वाले भगवान
23. प्रथमेश्वर : सबके बीच प्रथम आने वाले भगवान
24. शुभम : सभी शुभ कार्यों के देव
25. सिद्धिविनायक : सफलता के स्वामी
26. सिद्धिदाता : इक्षाओं  और अवसरों के देवता
27. वक्रतुंड : घुमावदार सूंड वाले भगवान
28.सुरेश्वरम : देवों के देव
29. अखुरथ : जिनकी सवारी मूषक है
30. अलंपता : अनन्त देव
31. अनन्तचिदरूपम : अनन्त और व्यक्ति चेतना वाले भगवान
32. अमित : अतुलनीय भगवान
33. अवनीश : पूरे जगत के प्रभु
34. अविघ्न : बाधाओं को दूर करने वाले भगवान
35. भीम : विशाल
36. भूपति : धरती के मालिक
37. भूवनपति : देवों के देव
38. बुद्धिप्रिय : ज्ञान के देवता
39. बुद्धिविधाता : बुद्धि के मालिक
40.देवादेव : सभी भगवान में सर्वोपरि
41. चतुर्भुज : चार भुजाओं वाले
42. देवांतकनाशकारी : बुराईयों और असुरों के विनाशक
43. देवव्रत : सबकी तपस्या स्वीकार करने वाले
44. देवेंद्राशिक : सभी देवताओं की रक्षा करने वाले
45. दूर्जा : अपराजित देव
46. धार्मिक : दान देने वाले
47. द्वैमातुर : दो माताओं वाले
48. एकदंत : एक दांत वाले
49. गदाधर : जिनका हथियार गदा है
50. ईशानपुत्र : भगवान भोले शंकर के पुत्र
51.गणाध्यक्षिण : सभी पिंडों के नेता
52.गुणिन : सभी गुणों के ज्ञानी
53.हरिद्र  : स्वर्ण के रंग वाले
54. हेरंब : मां का प्रिय पुत्र
55. कपिल : पीले भूरे रंग वाले
56. कवीश : कवियों के स्वामी
57. कीर्ति : यश के स्वामी
58. कृपाकर : कृपा करने वाले
59. कृष्णपिंगाश : पीली भूरी आंखों वाले
60.क्षेमंकरी : माफी प्रदान करने वाला
61.क्षिप्रा : आराधना के योग्य
62.मनोमय : दिल जीतने वाला
63.मृत्युंजय : मौत को हराने वाला
64.मूढाकरम : जिनमें खुशी का वाश होता है
65.मुक्तिदायी : मुक्ति प्रदान करने वाले दाता
66.नादप्रतिष्ठित : संगीत से प्यार करने वाले 
67.नमस्येतु : सभी बुराईयों पर विजय प्राप्त करने वाले
68.नन्दन : भगवान शिव के पुत्र
69.सिद्धांथ : सफलता और उपलब्धियों के गुरु
70.पीताम्बर : पीले वस्त्र धारण करने वाले
71.प्रमोद : आनंद
72.पुरुष : अद्भुत व्यक्तित्व
73.रक्त : लाल रंग के शरीर वाले
74.रूद्रप्रिय : भगवान शिव के प्रिय
75.सर्वदेवात्मन : सभी स्वर्गीय प्रसाद के स्वीकर्ता
76. सर्वसिद्धांत : कौशल और बुद्धि के दाता
77. सर्वात्मन : ब्रम्हांड की रक्षा करने वाले
78. ॐकार : ॐ के आकार वाले
79. शशिवर्णम : जिनका रंग चंद्रमा को भाता हो
80. शुभगुणखानम : जो सभी गुणों के गुरु हैं
81. श्वेता : जो सफेद रंग के रुप में शुद्ध हैं
82. सिद्धिप्रिय : इक्षा पूर्ति वाले
83. स्कंदपूर्वज : भगवान कार्तिकेय के भाई
84.सुमुख : शुभ मुख वाले
85. स्वरुप : सौंदर्य के प्रेमी
86. तरुण : जिनकी कोई आयु न हो
87. उद्द्ण्ड : सरारती
88. उमापुत्र : माता पार्वती के पुत्र
89. वरगणपति : अवसरों के स्वामी
90. यज्ञकाय : सभी बलि को स्वीकार करने वाले
91. यशस्कर : प्रसिद्धि और भाग्य के स्वामी
92. यशस्विन : सबसे प्यारे और लोकप्रिय भगवान
93. योगाधिप : ध्यान के भगवान
94. वरप्रद : इक्षाओं और अवसरों के दाता
95.वरदविनायक : सफलता के स्वामी
96.वीरगणपति : वीर प्रभु
97.विद्यावारिधि : बुद्धि के देव
98.विघ्नहर्ता : विघ्न हरने वाले
99.विघ्नहर : बाधाओं को दूर करने वाले
100.विघ्नविनाशन : बाधाओं का अंत करने वाले
101.विघ्नराज : सभी बाधाओं के मालिक
102.विघ्नराजेन्द्र : सभी बाधाओं के भगवान
103.विघ्नविनाशाय : बाधाओं का नाश करने वाले।104.विघ्नेश्वर : बाधाओं के हरने वाले भगवान
105.विकट : अत्यंत विशाल
106.विनायक : सबके भगवान
107.विश्वमुख : ब्रम्हाण्ड के गुरु
108.विश्वराजा : संसार के स्वामी
   जय श्री गणेशा🙏🙏🌺🌺




 * Lord Bhole Shankar blessed Ganesha that in any worship you will be worshiped first.

 * Since then, this tradition has been going on that Shri Ganesh ji is worshiped first of all, in whatever form of worship there is.

 * It is said that by chanting the 108 names of Lord Shri Ganesha, all the obstacles of man are destroyed.

 * 108 names of Shri Ganesh ji with meanings:

 1. Smokers: Smoke blowers

 2. Monosyllabus: Single letter

 3. Budhinath: Lord of Wisdom

 4. Bhalchandra: who has moon on his forehead

 5. Childman: The most beloved child

 6. Gajakarna: Ears like elephants

 7. Teeth: One-toothed

 8. Gajavaktra: Mouth Like Elephant

 9. Gajanan: God with an elephant-like face

 10. Gajavakra: elephant trunk god

 11. Ganapathi: Owner of all Ganas

 12. Gaurisut: Son of Mata Gauri

 13.Ganadhyaksha: Owner of all people

 14. Lumbakarna: God with Big Ears

 15. Mahabal: Highly powerful

 16. Lumbodar: is the stomach which means big belly

 17. Mahaganapathi: Devadidev

 18. Rodents: Those who ride the rod

 19. Maheshwar: Lord of the Universe

 20. Mangalamurthy: God of all auspicious works

 21. Nidiswaram: Donor of Wealth and Funds

 22. Shupakarna: God with big ears

 23. Prathameshwar: First Coming Lord Among All

 24. Shubham: God of all auspicious works

 25. Siddhivinayak: Master of Success

 26. Siddhidata: God of desires and opportunities

 27. Vakratunda: God with a curved trunk

 28. Sureswaram: God of Gods

 29. Akhurath: Whose ride is a mouse

 30. Loneliness: Eternal God

 31. Anantachidarupam: God with eternal and individual consciousness

 32. Amit: matchless god

 33. Avnish: Lord of the whole world

 34. Avidhan: God who removes obstacles

 35. Bhima: Vishal

 36. Bhupathi: the owner of the earth

 37. Bhuvanapati: God of Gods

 38. Intelligence: God of knowledge

 39. Intelligence: master of wisdom

 40.Devadeva: paramount in all God

 41. Quadrilateral: Four-sided

 42. Deanthropic: Destroyer of Evils and Asuras

 43. Devavrata: All those who accept austerity

 44. Devendrashik: the protector of all the gods

 45. Durja: Aparajit Dev

 46. ​​Religious: Donors

 47. Duality: having two mothers

 48. Ekadant: One-toothed

 49. Gadadhar: whose weapon is mace

 50. Ishanputra: Son of Lord Bhole Shankar

 51.Ganadhyakriyan: Leader of all bodies

 52.Gunin: knowledgeable of all qualities

 53. Heart: Golden colored

 54. Herumb: Mother's Beloved Son

 55. Kapil: Yellow Brown

 56. Kavish: lord of poets

 57. Kirti: Lord of renown

 58. Kripakar: Kripa

 59. Krishnapingash: Yellow Brown Eyed

 60. Shrimankari: Provider of forgiveness

 61. Little: worthy of worship

 62.Green: Winner of the heart

 63.Mritunjay: the one who defeats death

 64. Mudhakaram: In which there is a wash of happiness.

 65. Liberator: Giver of Liberation

 66. Naad Pratishtha: Music lovers

 67. Namasetu: the conqueror of all evil

 68. Nandan: Son of Lord Shiva

 69. Siddhanth: Guru of success and achievements

 70. Pitamber: Wearing yellow clothes

 71.Promotion: Anand

 72. Men: amazing personality

 73. Blood: Red-bodied

 74. Rudrapari: Beloved of Lord Shiva

 75. Sarvadevatman: Acceptor of all heavenly offerings.

 76. Sarva Siddhantha: Giver of skill and intelligence

 77. Sarvatmaan: Those who protect the universe

 78. Size: ॐ shaped

 79. Shasivaranam: whose color is pleasing to the moon

 80. Shubhagunakhanam: One who is the master of all virtues

 81. Shweta: Those who are pure in white color

 82. Siddhipriya: those who want fulfillment

 83. Skanda Pujas: Brother of Lord Karthikeya

 84. Sublime: Auspicious ones

 85. Form: lover of beauty

 86. Tarun: Who has no age

 87. Uttanda: Sararati

 88. Umaputra: Son of Mother Parvati

 89. Varganapati: Lord of Opportunities

 90. Yajnakaaya: Those who accept all sacrifices

 91. Yashaskar: the lord of fame and fortune

 92. Yashasvin: The most beloved and popular God

 93. Yogadhip: Lord of meditation

 94. Varpada: Giver of desires and opportunities

 95. Vardavinayak: Master of Success

 96. Virganapati: Veer Prabhu

 97. Vidyavaridhi: God of Wisdom

 98. Vighnaharta: Disruptors

 99. Vighnahar: Removing obstacles

 100.Disinformation: The end of obstacles

 101. Vighnaraj: the master of all obstacles

 102. Vighnarajendra: Lord of all obstacles

 103.

 105. Wick: Extremely large

 106. Vinayaka: God of all

 107. Vishwamukh: Guru of the universe

 108. Vishwaraja: lord of the world

 Jai Shree Ganesha🙏🙏🌺🌺









 


शनिवार, 24 अप्रैल 2021

पालक आलू रेसिपी(रेस्टोरेंट जैसा)

पालक आलू बनाने में लगने वाली सामग्री :
1. पालक : 1/2 kg
2. आलू : 6 उबले हुए
3.प्याज : 2 मीडियम साइज़ के(बारीक पीस लें)
4.टमाटर : 4मीडियम साइज़ के(बारीक पीस लें)
5. अदरक : 1 इंच का टुकड़ा(बारीक पीस लें)
6.लहसुन : 5 से 6 कलियां(बारीक पीस लें)
7. धनियां पाउडर : 2 टेबल स्पून
8. हल्दी पाउडर : 1टेबल स्पून
9. जीरा पाउडर : 2टेबल स्पून
10. काली मिर्च पाउडर : 1टेबल स्पून
11. लाल मिर्च पाउडर  : 2 टेबल स्पून
12. कसूरी मेथी : 2टेबल स्पून
13. मलाई : 4 टेबल स्पून
15. गरम मसाला : 1टेबल स्पून
16. सरसो तेल : 5 टेबल स्पून
17. नमक स्वादानुसार
पालक आलू बनाने की विधी :
*सबसे पहले पालक को बारीक काट कर अच्छे से धो लें।
*अब प्रेशर कुकर में पालक को डालकर उसमें थोड़ा नमक डालकर उसे तीन चार सीटी लगा कर उबाल लें।
*अब पालक को थोड़ा ठंडा होने दें और फिर मिक्सी में डालकर एक मिनट चलाकर पीस लें ।
*उबले हुए आलू को छीलकर चार चार टुकड़ों में काट लें।
*एक पैन गरम करें और उसमें दो टेबल स्पून तेल डालकर गरम करें और फिर आलू डालकर उसमें हल्का नमक डाल कर उसे भून लें।
*अब गैस पर एक पैन गरम करें और उसमें तेल डालकर अच्छी तरह गरम कर लें।
*जैसे ही तेल गरम हो जाए उसमें अदरक और लहसुन का पेस्ट डाल दें।
*अदरक लहसुन को दो मिनट भून लें और फिर उसमें प्याज़ का पेस्ट डाल कर उसे अच्छी तरह से सुनहरा होने तक भूनें।
*अब जैसे ही प्याज़ सुनहरा होने लगे तो उसमें टमाटर का पेस्ट डाल कर उसे भी तीन चार मिनट भून लें।
* टमाटर को तीन चार मिनट भूनने के बाद अब उसमें धनियां पाउडर, जीरा पाउडर, काली मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर, लाल मिर्च पाउडर और कसूरी मेथी डालकर सभी मसाले को अच्छे से लगभग पांच से छह मिनट तक भून लें।
*अब मलाई डालकर उसे भी मसाले के साथ दो तीन मिनट तक पकाएं।
*अब पालक का पेस्ट डालकर मसाले के साथ लगभग पांच मिनट और भूनें और फिर उसमें चार ग्लास पानी डालकर और स्वादानुसार नमक डाल कर उसमें एक उबाल आने दें।
*जैसे ही ग्रेवी उबलने लगे तो उसमें भूने हुए आलू डाल दें और फिर सभी को लगभग पांच मिनट और पका लें और फिर गरम मसाला डालकर गैस को बंद कर दें।
*इसे चावल, रोटी या पराठा किसी के साथ सर्व करें।


Ingredients to make Spinach Potatoes:

 1. Spinach: 1/2 kg

 2. Potatoes: 6 boiled

 3. Onion: 2 medium size (finely grinded)

 4. Tomato: 4 medium size (finely grinded)

 5. Ginger: 1 inch piece (grind finely)

 6. Garlic: 5 to 6 buds (finely grinded)

 7. Coriander Powder: 2 tbsp

 8. Turmeric Powder: 1 tbsp

 9. Cumin powder: 2 tbsp

 10. Black Pepper Powder: 1 tbsp

 11. Red chilli powder: 2 tbsp

 12. Kasuri Methi: 2 tbsp

 13. Cream: 4 tablespoons

 15. Garam Masala: 1 tbsp

 16. Mustard oil: 5 tbsp

 17. Salt as per taste

 Method of making spinach potato:

 First of all, finely chop the spinach and wash it well.

 * Now put the spinach in the pressure cooker and add some salt to it and boil it with three to four whistles.

 * Now let the spinach cool slightly and then put it in the grinder and grind it for a minute.

 * Peel boiled potatoes and cut them into four pieces.

 * Heat a pan and heat two tablespoons of oil in it and then add potatoes and fry it by adding light salt.

 * Now heat a pan on the gas and heat it well by adding oil to it.

 * As soon as the oil gets hot, add ginger and garlic paste to it.

 * Fry ginger garlic for two minutes and then add onion paste to it and fry it well until golden.

 * As soon as the onions turn golden, add tomato paste to it and fry it for 3-4 minutes.

 * After roasting the tomatoes for three to four minutes, now add coriander powder, cumin powder, black pepper powder, turmeric powder, red chili powder and fenugreek fenugreek and fry all the spices for about five to six minutes.

 Now add cream and cook it with spices for two to three minutes.

 Now add spinach paste and fry with spices for about five minutes and then add four glasses of water and salt to taste and let it come to a boil.

 * As soon as the gravy starts boiling, add roasted potatoes in it and then cook all for about five minutes and then add garam masala and turn off the gas.

 * Serve it with rice, roti or paratha.

शनिवार, 17 अप्रैल 2021

श्री दुर्गा कीलक स्तोत्र

           अथ कीलकम् 
ॐ अस्य श्री कीलकमंत्रस्य शिव ऋषिः, अनुष्टुप छन्दः, श्रीमहासरस्वती देवता, श्रीजगदम्बाप्रत्यार्थं सप्तशती  पाठांगत्वेन जपे विनियोग:।
ॐ नमश्चण्डिकायै।।
            मारकण्डेय उवाच
 ॐ विशुद्धज्ञानदेहाय त्रिवेदीदिव्यचक्षुषे।
श्रेय: प्राप्तिनिमित्ताय नमः सोमार्धधारिणे।।1।।
सर्वमेतद्विजानीयानमंत्राणामभिकीलकम‌्।
सोपि क्षेममवाप्नोति सततं जाप्यतत्पर:।।2।।
सिद्धयन्त्युच्चाटनादीनि वस्तूनि सकलान्यपि।
एतेन स्तुवतां देवी स्तोत्रमात्रेण सिद्धयति।।3।।
न मन्त्रो नौषधं तत्र न किन्चिदपि विद्यते।
विना जाप्येन सिद्धयेत सर्वमुच्चाटनादिकम‌्।।4।।
समग्राण्यपि सिद्धयन्ति लोकशंकामिमां हर:।
कृत्वा निमन्त्रयामास सर्वमेवमिदं शुभम्।।5।।
स्तोत्रं वै चण्डिकायास्तु तच्च गुप्तं चकार स:।
समाप्तिर्न च पुण्यस्य तां यथावन्नियन्त्रनाम्।।6।।
सोपि क्षेममवाप्नोति सर्वमेवं न संशय:।
कृष्णायां वा चतुर्दश्यामष्टम्यां वा समाहित:।।7।।
ददाति प्रतिगृह्णाति नान्यथैषा प्रसीदति।
इत्थंरूपेण कीलेन महादेवेन कीलितम्।।8।।
यो निष्कीलां विधायैनां नित्यं जपति संस्फुटम्।
स सिद्ध: स गण: सोपि गंधर्वो जायते नर:।।9।।
न चैवाप्यटस्तस्य भयं क्वापीह जायते‌।
नापमृत्युवशं याति मृतो मोक्षमवाप्नुयात्।।10।।
ज्ञात्वा प्रारभ्य कुर्वीत न कुर्वाणो विनश्यति।
ततो ज्ञात्वैव सम्पन्नमिदं प्रारभ्यते बुधै:।।11।।
सौभाग्यादि च यत्किञ्चिद् दृश्यते ललनाजने।
तत्सर्वं तत्प्रसादेन तेन जाप्यमिदं शुभम्।।12।।
शनैस्तु जप्यमानेस्मिन् स्तोत्रे सम्पत्तिरुच्चकै:।
भवत्येव समग्रापि तत: प्रारभ्यमेव तत्।।13।।
ऐश्वयऀ यत्प्रसादेन सौभाग्यारोग्यसंपद:।
शत्रुहानि: परो मोक्ष: स्तूयते सा न किं जनै:।।14।।
          अथ कीलक स्तोत्रम संपूर्णम 
          जय माता रानी🙏🙏🌺🌺❤️❤️













मंगलवार, 13 अप्रैल 2021

दुर्गा स्तोत्रम और क्षमा प्रार्थना

जय भगवति देवि नमो वरदे, जय पाप विनाशिनी बहु फल दे।
जय शुंभ निशुंभ कपालधरे , प्रणमामी तु देवि नरारती हरे।।1।।
जय चंद्र दिवाकरनेत्रधरे , जय पावकभूषितवक्त्रवरे।
जय भैरवदेहनिलीनपरे, जय आंधकदैत्यविशोषकरे।।2।।
जय महिष विमर्दिनी शूलकरे, जय लोकसमस्तकपापहरे।
जय देवि पितामहविष्णुनते, जय भास्करशक्रशिरोवनते।।3।।
जय षणमुखसायुधईशनूते, जय सगरगामिनी शम्भुनुते।
जय दुखदरिद्रविनाशकरे, जय पुत्रकलत्रविवृद्धिकरे।।4।।
जय देवि समस्तशरीरधरे, जय नाकविदर्शिनी  दुखहरे।
जय व्याधिविनाशिनी मोक्ष करे, जय वांक्षितदायिनी सिद्धिवरे।।5।।
  एतदव्यासकृतं स्तोत्रं यः पठेन्नियतः शुचिः।
   गृहे वा शुद्धभावेन प्रीता भगवती सदा।।6।।





                      क्षमा प्रार्थना
अपराधसहस्त्राणि क्रियंते हर्निशं मया।
दसोयामिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वरी।।1।।
आवाहनम न जानामि न जानामि विसर्जनम।
पूजां चैव न जानामि क्षम्यताम परमेश्वरी।।2।।
मंत्रहीनं क्रियाहीनं भक्तीहीनं सुरेश्वरी।
यत्पुजीतं मया देवि परिपूर्णं तदस्तु मे।।3।।
अपराधशतं कृत्वा जगदम्बेति चोच्चरेत।
यां गतीं समवापनोति न तां ब्रह्मादयः सुरा:।।4।।
सापराधोस्मी शरणं प्राप्तस्तवान जगदम्बिके।
इदानीमनुकंप्योहं यथेच्छसि तथा कुरु।।5।।
अज्ञानाद्विस्मृतेर भ्रान्त्या यन्नयुनमधिकं कृतम।
तत्सर्वं क्षम्यताम देवि प्रसीद परमेश्वरी।।6।।
कामेश्वरी जगनमातः सच्चिदानंद विग्रहे।
गृहाणार्चामीमां प्रीत्या प्रसीद परमेश्वरी।।7।।
गुह्यातिगुह्यगोप्त्री त्वं गृहाणास्मत्कृतं जपम ।
सिध्धिर्भवतु मे देवि त्वत्प्रसादात्सुरेश्वरि।।8।।
     
जय माता दी 🙏🙏🌺🌺❤️❤️





, श्रीमद्भगवद्गीता के अध्याय 6 से लिया गया श्लोक संख्या 26

यतो यतो निश्चलति मनश्चचञ्चलमस्थिरम्। ततस्ततो नियम्यैतदात्मन्येव वशं नयेत्।।26।। अनुवाद श्रील प्रभुपाद के द्वारा  : मन अपनी चंचलत...